जब मंजिले नज़र आये और रास्ता न मिल पाए
रख हिम्मत मेरे यार, आओ एक पथ पर चलते ही जाए
जब रोशिनी दिखे कही दूर पर किरण न पहुच पाए
रख होसला ज़रा, चल एक नया दीप जलाए
जब रास्ते पर कुछ लोग तेरे लिए काँटा बन जाए
रख भरोसा खुदपर, देखना कही कदम ना डगमगाए
जब कड़ी धुप में हालात भी तेरा खून खौलाए
रख इतनी ढंडक अपने दिल में कि इन्द्र भी खुद बरसाए
जब दुनिया में, तेरे आलोचकों की संख्या बढ़ जाए
रख संयम इतना कि उनको भी तू माफ़ कर पाए
जब अपने हो जाये पराए और दूरियाँ बढती जाए
रख उम्मीद हमेशा, देख दिल टूट ना पाए
जब जब इन सारी बातों से तेरा दिल घबराये
भूल उन पलो, उन किस्सों को जो तुने थे सजाये
होकर मगन अपने धुन में याद रख सदा
राही का तो काम हैं चलता जाए, चलता जाए ||
रख हिम्मत मेरे यार, आओ एक पथ पर चलते ही जाए
जब रोशिनी दिखे कही दूर पर किरण न पहुच पाए
रख होसला ज़रा, चल एक नया दीप जलाए
जब रास्ते पर कुछ लोग तेरे लिए काँटा बन जाए
रख भरोसा खुदपर, देखना कही कदम ना डगमगाए
जब कड़ी धुप में हालात भी तेरा खून खौलाए
रख इतनी ढंडक अपने दिल में कि इन्द्र भी खुद बरसाए
जब दुनिया में, तेरे आलोचकों की संख्या बढ़ जाए
रख संयम इतना कि उनको भी तू माफ़ कर पाए
जब अपने हो जाये पराए और दूरियाँ बढती जाए
रख उम्मीद हमेशा, देख दिल टूट ना पाए
जब जब इन सारी बातों से तेरा दिल घबराये
भूल उन पलो, उन किस्सों को जो तुने थे सजाये
होकर मगन अपने धुन में याद रख सदा
राही का तो काम हैं चलता जाए, चलता जाए ||
12 comments:
I have only one word - "Gazab".. Loved every bit of it :) specially
जब रोशिनी दिखे कही दूर पर किरण न पहुच पाए
रख होसला ज़रा, चल एक नया दीप जलाए..
and the last line .. loved it loved it loved it :)
अत्यंत प्रशंश्निये प्रयास || बहुत खूब || सराहनीय
@rishi bhaiya.... thanks a lot bhai.... and i loved ur comment... :) :)
@rythm : thanks... :)
@rythm... waise naam bahut accha hain profile ka... :P
Wow.. Mast likha hai.. Quite inspirational.. Arey but aapne pehle kyun nahi post ki ye kavitaayein..? Anyways.. Will be waiting for the next one..The best part I like is the last line...:))
awsome thought...
awsome thought utki...
awesome poem!!!
जब अपने हो जाये पराए और दूरियाँ बढती जाए
रख उम्मीद हमेशा, देख दिल टूट ना पाए
this is my fav line..
great work brother
Thanks all of you for such lovely and encouraging words..... :)
बहुत ही सटीक और भावपूर्ण रचना। धन्यवाद।
aaj main b bahut nirash tha par is kavita ko padane k baad lagta hai jindagi isi ka naam hai......
kabhi upar kabhi neeche...
kabhi aage to kabhi peeche.....
Thanks bro.....for inspiring me again ...
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