एक दिन जागा और सोचा कुछ किया जाए
क्यूँ न कुछ नया कर के अपनी किस्मत आजमाए
जो निकला घर से ढूँढने अपनी मंजिल
सोचा चलो एक तकनिकी आशियां बनाए
घूमता फिरता एक विचार मन्न में आया
आखिर क्या हैं वो चीज़ जिसने हैं लोगो को लुभाया
हर कोई चाहता था उस तकनिकी विद्या को सीखना
पर सभी के रास्तो पर पड़ा था एक घना साया
मैंने सोचा मैं किस तरह करू मदद उनकी
और इस सोच पर अमल करने के लिए पहला कदम बढाया
मैं था तो अकेला और पता ही नहीं चला, की कैसे हुआ सब कुछ
क्यूंकि अगले ही पल में मैंने वि०आई०टी० के सबसे होनहार लोगो को साथ पाया
मनुष्य की तरह दीखते थे वो सभी यन्त्र
अचंभित होकर उस दुनिया की ओर हमने कदम बढाया
राह में कांटे तो थे पर हम सब साथ चलते रहे
कूटा हर बाधा को और हम रोशिनी की ओर बढ़ते रहे
आज इस मुकाम पर पहुच चुका हैं हमारा वो सफ़र
कि पीछे देख नज़र नहीं आता वो शुरुआती डगर
ये सबूत हैं हमारी मेहनत और सफलताओ का
जो तुम सबके बिना नहीं हो पाती मगर
प्रार्थना हैं इश्वर से वो अपना साया हम पर बनाए रखे
इसी तरह सब मिलकर नयी नयी मंजिले तय करे
वहा से निकलकर भी इस परिवार से सब जुड़े रहना
वर्ना आने वाले बच्चो को पड़ेगा सब कुछ फिर से सहना
इसी उम्मीद से कि सबका साथ बरक़रार रहे हमेशा
तुषार के कहने पर सबसे छोटे बच्चो कि मेहनत को मेरा सलाम
ज़िन्दगी में खूब नाम कमाओ पर इस पड़ाव को मत भूल जाना
जहा से मेरी ज़िन्दगी तो आगे निकल गयी पर अब भी इंतज़ार हैं मेरा आना.....!!!!
----- अर्ष
क्यूँ न कुछ नया कर के अपनी किस्मत आजमाए
जो निकला घर से ढूँढने अपनी मंजिल
सोचा चलो एक तकनिकी आशियां बनाए
घूमता फिरता एक विचार मन्न में आया
आखिर क्या हैं वो चीज़ जिसने हैं लोगो को लुभाया
हर कोई चाहता था उस तकनिकी विद्या को सीखना
पर सभी के रास्तो पर पड़ा था एक घना साया
मैंने सोचा मैं किस तरह करू मदद उनकी
और इस सोच पर अमल करने के लिए पहला कदम बढाया
मैं था तो अकेला और पता ही नहीं चला, की कैसे हुआ सब कुछ
क्यूंकि अगले ही पल में मैंने वि०आई०टी० के सबसे होनहार लोगो को साथ पाया
मनुष्य की तरह दीखते थे वो सभी यन्त्र
अचंभित होकर उस दुनिया की ओर हमने कदम बढाया
राह में कांटे तो थे पर हम सब साथ चलते रहे
कूटा हर बाधा को और हम रोशिनी की ओर बढ़ते रहे
आज इस मुकाम पर पहुच चुका हैं हमारा वो सफ़र
कि पीछे देख नज़र नहीं आता वो शुरुआती डगर
ये सबूत हैं हमारी मेहनत और सफलताओ का
जो तुम सबके बिना नहीं हो पाती मगर
प्रार्थना हैं इश्वर से वो अपना साया हम पर बनाए रखे
इसी तरह सब मिलकर नयी नयी मंजिले तय करे
वहा से निकलकर भी इस परिवार से सब जुड़े रहना
वर्ना आने वाले बच्चो को पड़ेगा सब कुछ फिर से सहना
इसी उम्मीद से कि सबका साथ बरक़रार रहे हमेशा
तुषार के कहने पर सबसे छोटे बच्चो कि मेहनत को मेरा सलाम
ज़िन्दगी में खूब नाम कमाओ पर इस पड़ाव को मत भूल जाना
जहा से मेरी ज़िन्दगी तो आगे निकल गयी पर अब भी इंतज़ार हैं मेरा आना.....!!!!
----- अर्ष
4 comments:
काफी सरल शब्दो में लिखी गयी ये कविता, उदहारण है एक लगन का। ये एक श्रद्धांजलि है वी. आई . टी के उन छात्रो की जो न सिर्फ पूर्व नियोजित पाठ्यक्रम का अनुसरण करते अपितु इसके साथ भारत के बेहतर कल के लिए एवं विज्ञान के विस्तार के लिए अपनी तमाम ऊर्जा लगा कर दिन रात जुटे रहते है ।
Bhaiya dil jeet liya aapne..Sab juniors ki taraf se thnx a ton :):)
N I promise together our club will make u even much more proud :):)
अरे वाह! मज़ा आ गया पढ़ के| बहुत बहुत शुक्रिया| आपने तो हमे धन्य कर दिया! :)
bhaiyaa pehle toh aapki ki hindi ko salaam...
kavita padne ke baad hume ye mehsus hua ki humne jo kuch bhi kia un sab ka lekha jokha hamare samne hai..club ki badti uchaian humare karmo ka fal hai....
aasha karta hun ki club itni hi tezi se taraki karta rahega aur sab ka naam roshan hoga
:(Y)
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