June 20, 2012

नींद (शायरी )

तडपाती , तरसाती  ज़िन्दगी , यहाँ  सिर्फ  और  सिर्फ  हैं  खोना .......
जब  थक  जाओ  रोते  चिल्लाते , आँख  बंद  कर  चैन  से  सोना ......
क्या  पता  फिर  कब  मिलेगी  ये  नींद , अपना  तो  किस्मत  भी  हैं  बौना ....
जब  परेशान  हो  जाओ  ज़िन्दगी  से  ....... उठना  मत  ऐसे  सोना .......!!!!

घुटन (शायरी )

ज़िन्दगी  मेरी  अब  हर  पल  खुद  ही  जिए  जा  रही  हैं .....
मेरी  क्या  हुकूमत  उसपे  दुनिए भी  मज़े  लिए  जा  रही  हैं .....
ना  मौत  आ  रही  हैं , ना  जान  जा  रही  हैं .....
कमबख्त  ज़ंजीरो  से  मुझे  सीए  जा  रही  हैं ......