March 10, 2011

ह्रदय मंथन

मैं कहता नहीं तो यह मत समझ लेना
कोई दिल को भा गया हैं मेरे
बेवफाई न की है ना ही मुझे देना
देखा नहीं कोई सपना बिन तेरे

पहुच हो तो सितारे भी तोड़ लाऊँ
एक हंसी क लिए शत बार मर जाऊं
सुनना आसान लग रहा होगा तुम्हे
पर कसम की कसम है मुझे

हर गीत में तुम्हारी ही आवाज़ ढूँढता हूँ
हर तस्वीर में एक ही अक्स खोजता हूँ
मेरी रूह से अब अलग न होना तुम
आवाज़ देकर मुझे कही न होना गुम्म

बिन तेरे जीना मुश्किल है अब मेरा
ढूँढता रहूँगा हर सांझ के बाद सवेरा
उस पल के आते ही झट आँखें मूँद लूँगा
तुम्हे अपने सपनो की दुनिया में कैद कर दूंगा ....